Chuma Bau ki Cheli - Ruhaan Bhardwaj | Karishma Shah | | Garhwali Song 2020 | DRK | Sanjoli : Chuma Bau ki Cheli Song is Sung & music given by Ruhaan Bhardwaj , Lyrics written by O.P. Bhardwaj.
Music Video of Chuma Bau ki Cheli Song:
Chuma Bau ki Cheli Song Info:
Ruhaan Bhardwaj Present’s
Audio Credits
Song - Chuma Bau ki Cheli
Singer & Music - Ruhaan Bhardwaj
Lyrics and Composer - O.P. Bhardwaj
Mix & Mastered & Recorded at - (KR Records Studio, Dehradun)
Chorus - Rahul Joshi, Ruhaan, KR
Video Credits
Directed By - Karishma Shah
DOP - Bittu Fotography & Shiva Verma
Edit By - Team Balance
Design By - Grow Up Media Works (Vikrant Mishra)
Dancers - Abhishek Bhatt, Priyansh Paliwal, Prafful Naudiyal
Dress- Rajeev Chauhan
Sponsored By - Shanaya production
Special thanks to - Neeraj Samant Arvind Bhardwaj, Pooja Bhardwaj, Jyoti Prakash pant,Vikrant Mishra , Mohit Silswal
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Chuma Bau ki Cheli Song Lyrics
रुकी की जा रुकी जा थमी जा थमी जा जागी जा जागी जा बणि ना बथों
( रुकजा - रुकजा थम जा थम जा तूफ़ान मत बन )
लूटकियलि क़मरी अपड़ि जगु जगु अब तू ना हिलो
(लोटे जैसी अपनी इस कमर को जगह जगह मत हिला )
सुण छुमा बौ की चेली ब्यो मी दगड़ी मा क़ैली 2
(सुन छुमा बौ की चेली शादी मुझसे करेगी बिना मेरा लठियाली कुवाँरी बैठी रैली 2
( मेरे बिना लड़की कुँवारी बैठी रहेगी )
सुण छुमा ............
सदानी नि रैण इँ ज़्वनी कु खुमार 2
( हमेशा नही रहेगा ये जवानी का खुमार )
कैकु तैं दवे बणि तू क़ैकु तैं बुख़ार
(किसी के लिए तू दवाई बनी है तो किसी के लिए बुख़ार बनी है )
जब दन्नती निखल जैली तब बुड़ियाँदी दाँ क्या कैली
(जब बुढ़ापे में दांत निकल जायंगे तब क्या करेगी )
1 - सदानी नि रैण इँ ज़्वनी कु खुमार - 2
( हमेशा नही रहेगा ये जवानी का खुमार )
कैकु तैं दवे बणि तू क़ैकु तैं बुख़ार
(किसी के लिए तू दवाई बनी है तो किसी के लिए बुख़ार बनी है )
जब दन्नती निखल जैली तब बुड़ियाँदी दाँ क्या कैली
(जब बुढ़ापे में दांत निकल जायंगे तब क्या करेगी )
बिना मेरा लठियाली कुवाँरी बैठी रैली 2
( मेरे बिना लड़की कुँवारी बैठी रहेगी )
सुण छुमा ............
2 - बँण की बणाग छै तू आग की अगेलि
(जंगल में लगी हुई आग जैसी है तू और आग से जली हुई लकड़ी जैसी)
खटी च मीठी , मीठी च खटी जन रामनगर की भेली
( खट्टी है ऐसी मिट्ठी है ऐसी जैसे रामनगर का गुड़ )
जब लाठी टेकी ऐली तब बुड़ियांदी दाँ क्या क़ैली
( जब लाठी के सहारे आएगी तब बुढ़ापे में क्या करेगी)
बिना दोंला क़िला कि निखलियों सी ढोल रैली 2
( जैसे बिना रस्सी के खुला ढोल होता है )
सुण छुमा बौ .............
3 - तू सुणजा बात मेरी तू मणीजा बात मेरी
बुड़ियाँदी दों लथियाली कुई सुणनियानि च तेरी
कुई नि सुणालो तेरी
( तू सुन ले बात मेरी तू मान ले बात मेरी
बुढ़ापे में लड़की तेरी कोई नही सुनेगा
कोई नही सुनेगा तेरी )
मेरी ब्योलि बनी एली त मौज़ मा तू रैली कभी रैली सैरू बाज़ार कभी डांडा छानी रैली 2
( मेरी दुल्हन बनेगी तो मौज में तू रहेगी
कभी गाँव में रहेगी तो कभी शहर में रहेगी )
सुण छुमा बौ की चेली ब्यो मी दगड़ी मा क़ैली 2
(सुन छुमा बौ की चेली शादी मुझसे करेगी
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